রাজা ললিতাদিত্য
এই দিনে
2 বছর আগে
क्या आप जानते है कश्मीर के नागवंशी
क्षत्रिय राजपूत राजा ललितादित्य को ?
जो कश्मीर से शासन करते थे !
जिनका साम्राज्य असाम बांग्लादेश से लेकर पूरा तिब्बत , पूर्वी ईरान अफ़ग़ानिस्तान उत्तरी पाकिस्तान का हिस्सा , मध्य चीन , मध्य एशिया के उज़्बेकिस्तान , ताजीकिस्तान , दक्षिण कयरञ्ज़स्तान , दक्षिण पश्चिमी कजाखस्तान और तुर्केस्तान को भी जित लिया था ! जिनका साम्राज्य मध्य भारत तक फैला हुआ था !
जिस राजा ने मोहम्मद बिन कासिम के पंजाब और जम्मू कश्मीर को जितने के सपने को मिट्टी में मिलाया , जिसने उसे मार मार कर भागने पर मजबूर कर दिया उसे आज कोई नही जानता !
पुरे भारत के लिए ये लानत की बात है की जी वीर योद्धा ने अरबो को कश्मीर और पंजाब से मार्कर खदेड़ा , जिसके कारन इस्लामिक आक्रांता कश्मीर और पंजाब में 250 + वर्ष तक आने की दोबारा हिम्मत तक न कर सके उसे कोई नही जानता !
ये भारत का ऐसा सुरमा वीर योद्धा है जिसने उज़्बेकिस्तान को चार बार जीता , उज़्बेकिस्तान के सुल्तान ने चार बार बगावत की और राजा ललितादित्य ने चारो बार उसकी बगावत को कुचल डाला और सुल्तान को चारो बार भारी कर देना पड़ा , ये वही उज़्बेकिस्तान है
जहाँ से मुग़ल और तैमूर मुस्लिम आक्रांता आये थे !
ऐसे वीर राजपूत को भारतीय इतिहास की किताबो में कोई जगह नही मिली !
डूब मरना चाहिए जिसने स्कूल और कॉलेज की किताबे लिखी है !
কাশ্মীরের নাগওয়ানশি কে চিনেনক্ষত্রিয় রাজপুত রাজা ললিতাদিত্য কে?কাশ্মীর থেকে যারা শাসন করেছিল!আসাম বাংলাদেশ থেকে সমগ্র তিব্বত পর্যন্ত যার সাম্রাজ্য। পূর্ব ইরান আফগানিস্তানকে উত্তর পাকিস্তান, মধ্য চীন, মধ্য এশিয়ার উজবেকিস্তান, তাজিকিস্তান, দক্ষিণ কিরানিস্তান, দক্ষিণ-পশ্চিম কাজাখস্তান ও তুর্কিস্তান জিতেছে! মধ্য ভারতে কার সাম্রাজ্য ছড়িয়ে পড়েছিল!যে রাজা মোহাম্মদ বিন কাসিমের পাঞ্জাব ও জম্মু কাশ্মীর জয়ের স্বপ্ন ধূলিসাৎ করেছিল, যে রাজা তাকে পিটিয়ে পালিয়ে যেতে বাধ্য করেছিল, আজ তাকে কেউ চেনে না!সমগ্র ভারতের জন্য লজ্জাজনক যে বীর যোদ্ধা কাশ্মীর পাঞ্জাব থেকে আরবদের মার্কার বানালো,যার কারনে ২৫০+ বছর কাশ্মীর পাঞ্জাব আসতেও সাহস করতে পারলো না ইসলামী শাসনামল,কেউ তাকে চেনে না!এই হল ভারতের বীর যোদ্ধা চারবার উজবেকিস্তান জয়ী, উজবেকিস্তান এর সুলতান চারবার বিদ্রোহ করলো আর রাজা ললিতাদিত্য তার বিদ্রোহ চূর্ণ করলো চারবার এবং সুলতানকে চারবার ভার পেতে হলো, এটাই হল উজবেকিস্তানমুঘল ও তৈমুরের মুসলিম দ্বন্দ্ব কোথা থেকে এসেছে!এমন সাহসী রাজপুত ভারতের ইতিহাসের বইয়ে কোন জায়গা খুঁজে পাননি!ডুবে যাওয়া উচিৎ তার যে স্কুল কলেজের বই লিখেছেন!·অনুবাদ লুকান·এই অনুবাদটির রেটিং দিন
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